नही चाहिए आजादी ..
आजादी आजादी आजादी
कहने को एक छोटा सा शब्द है पर इसके लिए जाने क्या क्या कर जाते है लोग
आज सुबह की ही बात है मैंने पंछियों के झुंड को उड़ता देखा बड़ा आनंद मिला सोचा कितने खुश है ये मन ने जवाब दिया क्योंकि ये आजाद है शायद इसलिए फिर 1 और प्रश्न आया क्या मनुष्य अपनी आजादी की मांग करे तो वो सही है ? फिर समझ मे आया नही यही तो अंतर है मनुष्य में और जीवों ने मनुष्य का जीवन खुद को आजाद करके चीजो से मुख मोड़ने के लिए नही बल्कि दुसरो के जीवन को खुशियो से भरने के लिए हुआ है
स्वतंत्रता दिवस हमने मना लिया देश आजाद भी है पर आज भी आंतरिक आजादी के लिए लोग लड़ते रहते है
अब प्रश्न ये है कि हमे केसी आजादी चाहिए और किससे चाहिए मैंने तो देश मे रह रहे लोगो से सुना कि भारत तेरे टुकड़े होंगे हजार मतलब जिस देश की आजादी के किये भारत माता के वीर हंसते हँसते शहीद हो गए आज उसी आजाद देश को टुकड़े टुकड़े करने वाले देश को तोड़ कर आजादी की मांग कर रहे है ये कौन से युग मे जीना चाहते है हम ये कैसी आजादी जो माँ से बेटे को दूर करदे भाई को बहन से पति से पत्नी से भारत माता को उनके पुत्रो से
क्या हम सच में आजादी मांग रहे है या फिर अपने ही जीवन को विषैला बनाते हुए अपनी परंपराओं से विमुख हो रहे है
Independent होना सही है पर खुद की परवाह करके बांकी सबको नजर अंदाज करना स्वार्थ है !
और इस देश के तो पशु पक्षियों ने भे देश धर्म अपने परिवार के प्रति अपना समर्पण दिखाया है तो फिर हम क्यों नही निभा सकते ? कम से कम अपनी जिम्मेदारियों को तो ये याद रखे असली आजादी देश से दूर होकर नही देस के साथ रहने में है असली आजादी परिवार से विमुख होकर मनमुताबिक जीने में नही परिवार को संजों कर चलने में है असली आजादी अपनी बाते किसी पर थोपने में नही बल्कि पूरे सम्मान से सबकी बातो का मान रखते हुए अपनी प्रतिक्रिया रखने में है बहोत अच्छे पुण्यो के बाद मनुष्य तन मिला है कोशिश करें इसे उन्मुक्तता से जियें न कि पूरा जीवन खुद के स्वार्थ में लड़ते हुए ।
Right very Beautiful Radhe Radhe
जवाब देंहटाएंदेश मे शिक्षित का प्रतिशत बड़ रहा है लेकिन दिक्षित का नही
जवाब देंहटाएंविचारों का पूर्ण समर्पण ही साधना है....जय श्री राधे
जवाब देंहटाएंविचारों का पूर्ण समर्पण ही साधना है....जय श्री राधे
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